Torrent Kya Hai ? : BitTorrent Was developed by Bram Cohen on July 2, 2001, Where Torrentz Was on July 15, 2003. And the most important and used torrent application µTorrent was developed by BitTorrent on Sep 18, 2015.
टोरेंट क्या है?
विषय सूचि
आज के युग में Torrent एक जाना माना शब्द लेकिन Torrent होता क्या है? ये बहुत कम कोई ही जनता है तो चलये जानते है। टोरेंट क्या है और कैसे काम करता है ? क्या आप को पता है की Torrent यूज़ करना इंडिया में अप्राद है और इसे आप को जेल भी हो सकता है।
Torrent का हिंदी अर्थ है ,”तेज धारा” बौछार”, जो लोग कंप्यूटर और इंटरनेट पर big files को डाउनलोड करते रहते हैं वो Torrent का नाम बहुत अच्छे से जानते होंगे । इन्टरनेट से फ्री बॉलीवुड मूवीज, फ्री हॉलीवुड मूवीज, गेम्स, सॉफ्टवेयर और भी बड़े बड़े फाइल को आप आसानी से डाउनलोड करने के लिए सबसे ज़यादा Torrent का इस्तेमाल होता है ।
Torrent एक छोटी सी फाइल होती है। जिसमे डाउनलोड की जाने वाली फाइल के बारे में पूरी जानकारी होती है । ये फाइल किसी भी Torrent सर्च इंजन से ले सकते है। इसके बाद इस फाइल को पूरा डाउनलोड करने के लिए आपको U Torrent,BitTorrent, client की मदत से आप फाइल को पूरा डाउनलोड कर सकते है।
लेकिन कभी आप ने ये सोचा है की ये Torrent आखिर है क्या ? मुझे लगता है की बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जिन्हों नहीं पता होगा की “Torrent क्या होता है ? आज मै आप को इस पोस्ट के माध्यम से समझाने की कोशिश करूँगा की Torrent किसे कहते हैं ?
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Torrent कैसे काम करता है ?
जब आप इन्टरनेट से किसी फाइल को अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करते हैं तो वो फाइल किसी और कंप्यूटर सर्वर पर अपलोड रहती है। जिसको आप इन्टरनेट के मदद से अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करते हैं । लेकिन टोरेंट डाउनलोड में ऐसा नहीं होता है ।
टोरेंट फाइल किसी कंप्यूटर सर्वर पर अपलोड नहीं रहती है, बल्कि टोरेंट फाइल एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में डाउनलोड होती है। अगर आप कभी टोरेंट यूज़ किया होगा तो आप कभी भी टोरेंट से कोइ भी फाइल डाउनलोड करते है। तो साथ में अपलोड भी होता है। यानी जब आप किसी टोरेंट फाइल को डाउनलोड करते हैं तो वो किसी और कंप्यूटर से आप के कंप्यूटर में डाउनलोड होता है।
कंप्यूटर सर्वर पर अपलोड किसी फाइल को जब डाउनलोड किया जाता है। तो डाउनलोड स्पीड इन्टरनेट के स्पीड पर निर्भर होता है। यानी इन्टरनेट की स्पीड जितनी ज़यादा होगी डाउनलोड स्पीड भी उतनी ही ज़यादा होगी ।लेकिन टोरेंट फाइल की डाउनलोड स्पीड इन्टरनेट के स्पीड पर निर्भर नहीं होता है। यानी इन्टरनेट की स्पीड अधिक है। तो टोरेंट फाइल की डाउनलोड स्पीड बहुत कम भी हो सकती है। टोरेंट से डाउनलोड की स्पीड ,टोरेंट के स्पीड पर निर्भर करता है ।
टोरेंट में SEEDER OR PEER किसे कहते हैं ?
Seeder का अर्थ होता है “बिज बोने वाला”, वो लोग जो टोरेंट फाइल को टोरेंट साईट पर अपलोड करते हैं। या शेयर करते हैं ,ऐसे लोग seeder कहलाते हैं । किसी टोरेंट के जितने ज़यादा seeder होंगें और उनके इन्टरनेट की स्पीड जितनी अच्छी होगी ,फाइल डाउनलोड होने की स्पीड भी उतनी ही अच्छी होगी।
Peer का अर्थ होता है ” सहकर्मी ” और ये उन लोगों को कहा जाता है जो टोरेंट फाइल को डाउनलोड भी करते हैं और नई फाइल टोरेंट साईट पर अपलोड या शेयर भी करते हैं ।
Leecher का अर्थ ” जोंक ” होता है! इस टोरेंट सिस्टम में एक और तरह के लोग होते हैं। जो टोरेंट फाइल को सिर्फ डाउनलोड करते हैं । वो कभी किसी तरह की फाइल टोरेंट पर अपलोड या शेयर नहीं करते हैं और ऐसे लोगों को “Leecher” कहा जाता है।
NOTE :- मैं आपको Recommend नही करुगा की आप टोरेंट का इस्तेमाल करे बिना टोरेंट के भी इन्टरनेट का इस्तेमाल किया जाता हैं । बाकी आप की मर्जी