महादेव आरती (Shiv Aart)
विषय सूचि
हिंदू धर्म में आरती पूजा का एक अभिन्न अंग है। महादेव के आरती से महादेव प्रसन्न रहते हैं और जीवन से दुख और दर्द से छुटकारा मिलता है।
भक्तों द्वारा गाई जाने वाली महादेव की आरती उन्हें अच्छे लाभों से प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सुखद तरीका है। अंतिम श्लोक का अर्थ है कि सच्चे मन से नियमित रूप से महादेव की आरती करने से मनोकामना पूरी होती है।
यह आरती सोमवार को महाशिवरात्रि, श्रावण मास के दौरान लोकप्रिय रूप से की जाती है और ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव भक्तों को अपनी आरती करना पसंद करते हैं।
Shiv Aarti Lyrics In Hindi
Jai Shiv Omkara Aarti
॥ आरती ॥
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
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नाम | शिवजी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti |
भाषा | Hindi | English |
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